Wednesday, August 4, 2010

Of Dad

एड़ी से जुड़ी थी उसके
चार साल में समझ ना पाई थी |
सांझ के धुंधलके में
घसीटती जाती, संभल न पाई थी |
हल्की सी थी चढ़ बैठी काँधे पर
अपनी ही परछाई से डर कर |
इस बार जुड़ के पिता से
और उनकी परछाई से |

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